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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा ॥ १२ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत् ॥ १ ॥
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
मौसम मुंबई का मौसमजयपुर का मौसमनई दिल्ली का मौसमलखनऊ का मौसमनोएडा का मौसम
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येन मन्त्र प्रभावेण, चण्डी जापः शुभो भवेत।।
पाठ मात्रेण संसिद्धयेत् कुंजिका स्तोत्रमुत्तमम्।।
हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।